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मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना से प्रदेश की लाखों महिलाओं का आर्थिक विकास एवं सामाजिक सुरक्षा हो रही सुनिश्चित

हिमवंती मीडिया/शिमला 

परिवार के पालन पोषण में अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन करने वाली प्रदेश की कर्मठ महिलाएं अब यहां की आर्थिकी में योगदान देने के लिए आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रही हैं। उनके इन हौंसलों को उड़ान देने में मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को अतिरिक्त आर्थिक मदद प्रदान कर उनका आर्थिक एवं सामाजिक विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लाखों महिलाओं को आजीविका एवं स्वरोजगार सम्बन्धी गतिविधियाँ शुरू करने व उद्यमिता बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा वर्ष 202223 के वार्षिक बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना शुरू करने की घोषणा की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत बने महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों को आजीविका सम्बन्धी गतिविधियाँ शुरू करने व उद्यमिता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त परिक्रमा राशि (रिवॉल्विंग फंड) प्रदान की जाएगी, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से समर्थ बनाया जा सके।स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लाखों महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उनका पंजीकरण प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में किया जायेगा  विशेष बात यह कि इन बीमा योजनाओं के वार्षिक प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार वहन करेगी। हि.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षित सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों के मानदेय में बढोतरी कर उन्हें योजना को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

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