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राजगढ़ शहर में लगे कचरा के ढेर,दे रहे किसी महामारी को बुलावा

 हिमवंती मीडिया/राजगढ़

 राजगढ़ शहर में जगह जगह लगे कूड़े के ढेर किसी महामारी को दावत दे रहे हैं । ऐसा प्रतीत होता है कि शहर का कोई भी वारिस नहीं है जो शहर को बढ़ती समस्याओं से निजात दिला सके। लिहाजा राजगढ़ शहर में एसडीएम, तहसीलदार और पच्छाद की विधायक का भी निवास स्थान है। इसके बावजूद भी शहर लावारिस की भांति बदहाली के आंसू  बहा रहा है। सरकार के स्वच्छता अभियान के दावे खोखले साबित हो रहे हैं । लावारिस पशु और कुत्तों द्वारा कूड़ा दान को सारा कचरा सड़कों पर बखेरा जाता है। लावारिस पशुओ द्वारा कूड़े दान में से अपनी भूख मिटाने के लिय प्लासिक को भी निगला जा रहा है जिससे पशु भी बीमार हो रहे है| गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और शहर में गंदगी के कारण कोई भी महामारी फैल सकती है । बता दे कि बीते तीस वर्षों से नगर पंचायत को कूड़ा कचरा के प्रबंधन के लिए डंपिग साईट नहीं मिल पाई है ।यहाँ के जितने भी नेता है किसी ने भी डंपिंग साईट के लिय कोई भी प्रयास नहीं किये |

सलोगड़ा कचरा प्रबंधन के अधिकारी द्वारा कचरा लेने से इंकार किया गया था इसके उपरांत  कोट डांगर में  2 बीघा भूमि लीज पर ली गई है जहां पर बीते कुछ वर्षों से विवाद चल रहा है । बताया कि राजगढ़ के समीप छमरोगा में प्रशासन  के पास 9 बीघा भूमि हस्तांतरित करने का मामला अंतिम चरण पर था परंतु छमरोगा के आसपास के लोगों के विरोध के चलते यह भूमि हस्तांतरति नहीं हो सकी ।

नगर पंचायत के सचिव अजय गर्ग ने माना कि शहर में कूड़ा कचरा के ढेर लगे हैं परंतु डंपिग साईट न होने के कारण उन्होने इस बारे अपनी असमर्थता जताई । बताया कि डंपिग साईट न होने के कारण राजगढ़ शहर के कचरे को नगर पंचायत को  मजबूरन  दिल्ली भेजना पड़ रहा है  और अब तक करीब पांच सौ टन कचरा दिल्ली भिजवाया जा चुका है । सचिव के अनुसार इस गंभीर समस्या बारे जिला व स्थानीय प्रशासन के अलावा चुने हुए प्रतिनिधियों को अनेको बारे अवगत करवा दिया गया है परंतु आजतक कोई भी समाधान नहीं निकल पाया है|

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