शिमला(लो.स.वि.):- राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विश्व अध्यापक दिवस के अवसर पर 16 अध्यापकों को राज्य पुरस्कार और एक अध्यापक को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस अवसर पर दत्तात्रेय ने कहा कि भारत सरकार ने 34 वर्षों के बाद देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन किया है। वर्तमान परिदृश्य में इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी को वहन योग्य शिक्षा, तथा कौशल विकास शिक्षा प्रदान की जाएगी जबकि इसका क्रियान्वयन काफी चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा कि इस नीति को व्यापक अर्थ में समझने और क्रियान्वयन की आवश्यकता है जिसकी जिम्मेदारी अध्यापकों पर है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व करने का हिमाचल के पास एक महत्त्वपूर्ण अवसर है। हिमाचल ने शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा बेहतर प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुझावों के अनुसार प्रदेश शिक्षा में बेहतर सुधार कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता है जिनमें प्रदेश अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्र की उन्नति में तीन तत्वों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। यह तीन तत्व शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है जिसकी 62.5 प्रतिशत जनसंख्या का आयु समूह 15-59 वर्ष है, जो वर्ष 2036 तक 65 प्रतिशत पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक छवि वाले एक शक्तिशाली राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता की आवश्यकता है जिसे युवाओं की सक्रिय भागीदारी से सुनिश्चित किया जा सकता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने एक समारिका का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र का निर्माण करते हैं इसलिए राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उनका सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी केन्द्रित राष्ट्रीय शिक्षा नीति को काफी विचार-विमर्श के बाद घोषित किया गया है। नई शिक्षा नीति देश में बेहतर नागरिक बनाने में सहायक सिद्ध होगी।