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हार नहीं मानूंगा, भ्रष्टाचार का मामला उठाता रहूंगा : आरटीआई कार्यकर्ता चतर सिंह

 

पांवटा(ब्यूरो):- पांवटा क्षेत्र के सेवानिवृत सहायक अभियंता व आरटीआई कार्यकर्ता चतर सिंह का कहना है कि वह भ्रष्टाचार का मामला उठाते रहेंगे तथा किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे।  गौरतलब है कि पांवटा साहिब में अनेकों हेडपंप और ट्यूबेल विभाग ने अपने चहेतों को बंदरबांट के माध्यम से दे दिए हैं। 

यह बात जब आरटीआई कार्यकर्ता के संज्ञान में आई तो उन्होंने 15/01/2020 को जन सूचना अधिकारी अधिशासी अभियंता एवं जन स्वास्थ्य विभाग पांवटा से जानकारी मांगी। लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से समय सीमा बीत जाने के बाद भी उन्हें जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके फलस्वरूप आवेदन कर्ता ने 25/02/2020 को पुन: अपीलीय अधिकारी अधीक्षण अभियंता के यहां अपील की। फिर उन्हें 17/03/ 2020 को बुलाया गया। लेकिन वहां ना तो अपीलीय अधिकारी पहुंचे और ना ही जन सूचना अधिकारी पहुंचे। जिसके लिए उन्हें वहां हाजिरी लगाकर वापस आना पड़ाc

लेकिन उन्हें पुनः 8/07/2020 को नाहन बुलाया गया। लेकिन वहां भी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। आखिर थक-हार कर अपील कर्ता को राज्य सूचना आयुक्त के पास 26/08/2020 को जाना पड़ा। अब राज्य सूचना आयोग ने 21/010/2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई तय की थी। क्योंकि राज्य सूचना आयुक्त की तबीयत खराब हो गई थी। जिसके कारण सूचना आयुक्त ने नई तिथि शीघ्र ही दी जानी आपेक्षित की है।

गौरतलब है कि आरटीआई एक्ट में इस बात की स्पष्ट व्याख्या है कि 30 दिन के अंदर- अंदर आवेदन कर्ता को सूचना उपलब्ध करवाई जाती है और यदि विभाग या जन सूचना अधिकारी निर्धारित समय पर सूचना उपलब्ध कराने में असमर्थ रहता है तो 25000 तक का जुर्माना किया जा सकता है।

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