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सभी अयोग्य शिक्षकों के खिलाफ हो कड़ी कार्यवाही : विक्रांत चौहान

शिमला(प्रेवि):- एक बार पुनः निजी विश्वविद्यालय पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं। प्रदेश नियामक आयोग द्वारा 14 निजी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की जांच की गई है, जिसमें 51% अयोग्य शिक्षकों का खुलासा हुआ है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पिछले लगभग 10 वर्षों से निजी विश्वविद्यालयों के फर्जीवाड़े को लेकर संघर्षरत है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत सह मंत्री विक्रांत चौहान ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि मानव भारती विश्वविद्यालय पहले भी फर्जी डिग्री बेचने के आरोप में संलिप्त पाई गई है, लेकिन अभी तक भी इस मामले में कोई खास कार्रवाई नियामक आयोग द्वारा और ना ही प्रदेश सरकार द्वारा अमल में लाई गई है। विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि ऐसे सभी अयोग्य शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो तथा ऐसे निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए और ऐसे निजी शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद्द की जाए।

विक्रांत चौहान ने कहा कि रोजाना निजी विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को कलंकित करने का कार्य किया जा रहा हैं। देश में फर्जी डिग्री मामलों के बाद हिमाचल प्रदेश का नाम खराब हुआ है। अत: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि ऐसे फर्जीवाड़े में संलिप्त सभी निजी विश्वविद्यालयों को चिन्हित करते हुए ऐसे विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द की जाए और 51% अयोग्य शिक्षकों को पद से बर्खास्त किया जाए।अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आने वाले समय में आमजन को लामबंद करते हुए और इस आंदोलन को आम आंदोलन तबदील करते हुए सड़कों पर उतारेगी और रोजाना निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा शिक्षा में किए जा रहे फर्जीवाड़े के खिलाफ इस आंदोलन को और भी उग्र रूप देगी।

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