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नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 देश के अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध नहीं है- जयराम

पालमपुर ( प्रे.वि )
केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 किसी भी तरह से देश के अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध नहीं है बल्कि तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे अल्पसंख्यक समुदायों की सहायता के लिए है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात जिला कांगड़ा के पालमपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कही। यह समारोह नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भाजपा मण्डल पालमपुर द्वारा आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के सम्बन्ध में यह निर्णय केन्द्र सरकार के सशक्त नेतृत्व के कारण लिया जा सका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तथा विपक्ष के अन्य नेता इस मामले को राजनैतिक रंग देकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम भारत में रह रहे अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध नहीं है, क्योंकि वह पहले से भारत में रह रहे हैं और इस महान राष्ट्र के नागरिक हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि यह अधिनियम केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिन्दू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के शरणार्थियों के लिए है जिन्होंने अत्याचारों के कारण अपना देश छोड़ा हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम केवल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के शरणार्थियों को विशेष अधिकार प्रदान करता है ताकि वे बिना किसी बाधा के भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मुद्दा लम्बे समय से लम्बित था और पूर्व सरकारें भी इच्छाशक्ति की कमी और राजनैतिक फायदे के कारण इस पर कोई निर्णय नहीं ले पाईं। उन्होंने कहा कि देश आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित है और तेजी से विश्व शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोगों ने राज्य सरकार को लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दिलाई थी और उसके पश्चात् उप-चुनावों में भी जीत दिलाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत ने अपने वैभव को पुनः हासिल किया है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि विपक्ष नागरिकता संशोधन अधिनियम के सम्बन्ध में भ्रामक प्रचार कर रही है ताकि वह अपना वोट बैंक बचा सके। उन्होंने कहा कि तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लिया गया। यह फैसला एक ऐतिहासिक निर्णय है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, सांसद राम स्वरूप शर्मा, विधायकगण मुल्क राज प्रेमी, रविन्द्र कुमार, पूर्व विधायक दुला राम और प्रवीन शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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