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छात्र राजनीति से निकले युवा नेता विजयइंद्र कर्ण

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छात्र राजनीति सेउभरे कांग्रेसी युवा नेताविजयइंद्र कर्ण ने धर्मशाला उपचुनाव में अपना भाग्य आजमाने के लिए दांव खेला है।विजयइंद्र का ताल्लुक गद्दी समुदाय से हैतथा वह पूर्व विधायक बृजलाल के परिवार से हैं तथा कांगे्रस के पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी के भांजे भी हैं।कांग्रेस ने युवा चेहरे पर विश्वास जताते हुए कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के युवा कांग्रेस प्रभारी विजयइंद्र कर्ण पर विश्वास जताते हुए इस जीत के लिए अपने रथ की कमान सौंपी है।विजयइंद्र युवा कांग्रेस में काफी सक्रिय रहे हैं।इसी की बदौलत उन्हें धर्मशाला उपचुनाव को लेकर टिकट भी मिली है।पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा की अचानक स्वास्थ्य के बिगड़ने के कारण विजयइन्द्र को कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी प्रत्याशी घोषित किया है।अब कांग्रेस का टिकट पाकर दिल्ली से धर्मशाला लौटे विजय ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों का दौर कर प्रचार भी तेज कर दिया है।हालांकि कांग्रेस पार्टी से हमेशा गद्दी समुदाय के प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने की मांग उठती रही है और इस बार इस मांग को पूरा कर दिखाया विजय इन्द्र ने।जिससे पूरे गद्दी समुदाय में खुशी की लहर है। इनका जन्म 24 दिसम्बर 1978 को धर्मशाला में हुआ तथा यह अनुसूचित जनजाति से सम्बन्ध रखने वाले युवा नेता हैं।इन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण की और वर्ष 2002 से 2003 तक वहाॅं अंग्रेजी विभाग के प्रतिनिधि रहे।वर्ष 2004 तक पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र परिषद के कैंपस सचिव भी रहे वहीं वर्ष 2004 से 2008 तक हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के महा सचिव रहे और 2011 तक कांग्रेस के जिला समन्वयक रहे।वर्ष 2011 से 2013 तक कांगड़ा-चम्बा संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस महासचिव रहे।वर्तमान में यह कांगड़ा-चम्बा संसदीय क्षेत्र के युवा कांग्रेस प्रभारी पद को सुशोभित किये हुए हैं। पेशे से विजयइन्द्र कर्ण होटलियर हैं तथा पिछली सरकार में वह पर्यटन निगम के निदेशक भी रह चुके हैं।टिकट मिलने के बाद पहली बार जब विजय इन्द्र मीडिया से रू-ब-रू हुए तो उन्होंने टिकट के लिए केन्द्रीय नेतृत्व एवं प्रदेश के आलानेताओं का आभार जताया और कहा कि कांग्रेस पार्टी ने धर्मशाला से इस युवा उम्मीदवार पर जो भरोसा जताया है वह जरूर उप चुनाव में जीत दर्ज करेंगे तथा धर्मशाला में रूके हुए कार्यों को गति प्रदानकरेंगें।

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