in

डीसी सिरमौर के नेतृत्व में 23 कि0मी लम्बी मारकण्डा नदी की हुई सफाई ( मारकण्डा नदी के पानी को साफ करने के लिए लगाए जाएंगे जल शोधक पौधे- डॉ0परूथी )

नाहन ( प्रेे.वि )-
मारकण्डा नदी के आसपास बडी मात्रा में जल शोधक पौधे लगाए जाएंगे ताकि जल शोधक पौधे मारकण्डा नदी के दुषित पानी को शुद्ध कर सके। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर डॉ0आर0के0परूथी ने आज मारकण्डा नदी को साफ करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए स्वच्छ मारकण्डा सफाई अभियान के दौरान दी। उन्होंने बताया कि मारकंडा नदी लोगों की आस्था से जुड़ी हुई है मगर पिछले कई वर्षों से यह नदी लगातार दुषित हो रही है यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश की 7 प्रदूषित नदियों में मारकण्डे नदी दूसरे स्थान पर है तथा इस नदी के पानी का बीओडी लेवल बहुत अधिक है जिसके कारण इस नदी का पानी नहाने योग्य भी नही है इसके मध्यनजर जिला प्रशासन ने मारकंडा नदी को साफ करने का फैसला किया और 23 किलोमीटर लम्बी इस नदी के ईद गिर्द सफाई की। उन्हांने बताया कि इस अभियान में मारकण्डा नदी के साथ लगती 7 पंचायतें जिनमें आमवाला सैनवाला, विक्रमबाग, बनकला, देवनी, कालाअंब, सतीवाला व नाहन के लोगों के अतिरिक्त महिला मण्डल, युवक मण्डल व स्वंय सहायता समूह, आशावर्कर, आगंनवाडी कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस सफाई अभियान के दौरान उपायुक्त के नेतृत्व में मारकण्डा नदी के उद्गम स्थल बोहलियों से विक्रमबाग तक तथा अतिरिक्त उपायुक्त प्रियंका वर्मा के नेतृत्व में कालाअंब से विक्रमबाग तक नदी को साफ किया गया। उन्हांने कहा कि सफाई के साथ-साथ यह भी पता लगाया जा रहा है कि किन कारणों से यह नदी प्रदुषित हो रही है और इस नदी को प्रदुषित होने से कैसे रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि मानसून से पहले इस तरह के अभियान को और आगे चलाया जाएगा ताकि मानसून से पहले नदी के आसपास ठोस कचरे को पूर्णतः साफ किया जा सके और एकत्रित किए गए कूड़े को ठोस कचरा प्रबंधन प्लान्ट कालाअंब में बेलिग यूनिट लगाकर कचरे को बेल करने के पष्चात सीमेंट उद्योग में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाएगा। उन्हांने बताया कि आज इस अभियान का एक और उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है ताकि लोग कूडा कचरा तथा मन्दिरों में इस्तेमाल होने वाली पूजा सामग्री को नदी नालों में न डाले और घरों में इस्तेमाल होने वाले सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग करें ताकि उसका सही निश्पादन किया जा सके। डॉ0 परूथी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना है तथा प्रदूषण के मूल कारणों का पतालगाना है ताकि प्रदूषण को फैलने से रोका जा सके। उन्हांने बताया कि इस अभियान के बाद अगर कोई नदी में प्रदूषण फैलाता पाया गया तो उसका चालान किया जाएगा।

राजगढ़ मेले में झूला, टैंट इत्यादि लगाने के लिए निविदाएं आमंत्रित

अनुसूचित जाति उपयोजना की समीक्षा बैठक 16 मार्च को, विधानसभा उपाध्यक्ष करेंगे अध्यक्षता