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हिमाचली मरीजों की पी.जीआई. मे नहीं कोई सुध

कुल्लू ( दीपक कुल्लुवी )-
देश के सबसे बडे अस्पताल पी. जीआई. मे हिमाचली मरीजो से वहां के स्टॉप मैम्वर व अन्य सिक्योरिटी मेम्बर बहुत ही अभद्र भाषा का उपयोग करते हैं । गौर है कि हमारे पहाड़ के लोग बहुत ही सीधे साधे स्वभाव के होते हैं । सबसे ज्यादा न्यूरोलोजी वार्ड में यह दिक्कत आ रही है । हिमाचल एकता मंच के चैयरमेन दीप लाल भारद्वाज ने कहा कि यह बात उन्होंने खुद भी महसूस की है । साथ ही उन्होंने सरकार से भी यह मांग रखी है कि पी जी आई मे हिमाचली मरीजो के लिये एक उचित व्यवस्था का प्रावधान किया जाए। दरअसल मामला यह था कि किसी मरीज ने अपना कार्ड 30 नम्बर कांऊटर में जमा किया । उन्हें टॉकन नम्बर 230 दिया गया और 3078 से 3087 तक कोई भी रुम में उनका नम्बर आयेगा पर जब 2 बजे तक वह वहां बैठे रहे , उनका नाम नहीं आया । जब सभी मरीजो के समाप्त होने पर उन्होंने पूछा कि हमारा नाम नहीं आया और हमारा कृपन नम्बर यह है । उस समय उनसे गुस्से से कहा गया कि यह कूपन नम्बर का कार्ड हमारे पास नहीं आया है और न ही आपका कार्ड हमारे पास है आप कांऊटर पर जा के पता करे। जब कांऊटर पर पहुंचे तो वहां भी बताया गया कि आपका कार्ड चला गया है । फिर दूसरे दिन भी तीमारदारों ने कॉर्ड की छानवीन करने की कोशिश की तो उन्हें बहुत ही बदतमीजी से वहाँ के स्टॉप बातचीत करते नजर आए । अगर ऐसा ही चलता रहा तो हिमाचलवासी कैसे अपना इलाज करा पाएंगे । ऊपर से यह सब सुविधा के लिए नैरचौक का अस्पताल भी सरकार ने बनाया था । वहां भी सरकार स्टॉफ पूरा नहीं कर पा रही । हिमाचल एकता मंच के साथ साथ गौ माता जिला अध्यक्ष मीरा आचार्य, बेटी बचाओ बेटी पढाओ जिला अध्यक्ष रानी सीमा , समाजसेवी विक्की बाबा , सुमन कारपा , सूरज नेगी , सूरज भारद्वाज आदि ने सरकार से अपील की है कि मरीजों की इस शिकायत पर उचित कार्यवाही की जाए ।

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