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सिलाई के शेर जगत सिंह नेगी को हार्दिक नमन

पांवंटा ( ब्यूरो )
जगत सिंह नेगी की पुण्यतिथि पर आज हिमवन्ती कार्यालय में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें हिमवन्ती परिवार के सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। हिमवन्ती परिवार से जगत सिंह नेगी का उसके शुरुआती दिनों से ही गहरा नाता रहा है यहां तक कि अगर उन्हे हिमवन्ती का सबसे बड़ा शुभचिंतक कहा जाए तो गलत ना होगा। आज ही के दिन जगत सिंह नेगी हमारा साथ छोड़ कर चले गए थे। उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती ऐसा वक्ताओं ने अपनी अपने वक्तव्य में कहा, हिमवन्ती समाचार पत्र समूह की उप संपादक सरिता गर्ग ने नेगी जी के कुछ संस्मरण साझा किया सुरेश गोयल ने उनकी याद में 2 मिनट मौन रखने का भी आग्रह किया सभी उपस्थित जनों ने अपने प्रिय जगत सिंह नेगी को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। जगत सिंह नेगी एक ऐसा महान व्यक्तित्व रहा है जिन्होंने हर क्षेत्र में अपनी अलग ही छाप छोड़ी है हालांकि वह दुर्गम क्षेत्र सिलाई के रहने वाले थे तथा सिलाई विधानसभा क्षेत्र से ही एक बार विधायक भी बने थे। लेकिन उनका जीवन दबे कुचले लोगों के लिए सदा याद किया जाता रहेगा। मुझे आज भी याद है यह कहते हुए संपादक अरविंद गोयल का गला भर आया कि उनकी अंतिम यात्रा में ज्यादातर लोग अपने खर्चे से दूरदराज के क्षेत्र से अपनी श्रद्धासुमन पेश करने आए थे। एक व्यक्तित्व ऐसा भी था जिसके दोनों पैर ही नहीं थे लेकिन वह भी उनके अंतिम दर्शन के लिए वहां पहुंचा उसे देखकर सब लोग अचंभित हुए के इस व्यक्ति ने किस तरह इतनी दुर्गम क्षेत्र से आकर अपने नेता को श्रद्धांजलि देने की सोची बाद में पता चला कि नेगी जी ने इस व्यक्ति की जीवन बचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी क्योंकि उसके दोनों टांगे कट गई थी और उसका इलाज निशुल्क नेगी जी ने ही करा कर उसे नया जीवन दान दिया था इस मौके पर सभी लोगों ने नेगी जी के साथ बिताए अपने संस्मरण साझा किए। इस बैठक में श्रीमती नेगी व उनके दोनों राजेंद्र व सुरेंद्र तथा पूरे परिवार को भी हिमवन्ती परिवार की ओर से और से शोक संदेश भेजकर अपनी भावनाओं से अवगत कराया। गौरतलब है कि नेगी जी हिमवन्ती कार्यालय में पिछले 20 वर्षों से लगातार आते थे तथा अपने इलाके की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते रहते थे ऐसे जांबाज नेता को खोने से पूरा सिलाई क्षेत्र ही क्या पूरा जिला सिरमौर ही आज ही के दिन पिछले वर्ष आहत हो गया था जब एक लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली थी। इस महान व्यक्तित्व को हिमवन्ती ओर से भाव पूर्ण श्रद्धांजलि।

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वर्ष : 23 अंक : 51