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राम मन्दिर पर फैसला देने वाले रंजन गोगोई (मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय)

सीजेआई  रंजन गोगोई देश के बहुचर्चित और सबसे पुराने आयोध्या भूमि विवाद मामले पर वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया।इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल को आने वाली पीढियां इतिहास के रूप में याद करेंगी।जस्टिस रंजन का जन्म 18 नवम्बर, 1954 को असम में हुआ था।असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे रंजन गोगोई देश के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले पूर्वोत्तर के पहले व्यक्ति हैं।गागोई ने 1978 में बार काउंसिल ज्वाइन की थी।उन्होंने प्रैक्टिस की शुरुआत गुवाहाटी हाईकोर्ट से की।वे 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में जज भी बने।इसके बाद वह 2010 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में बतौर जज नियुक्त हुए। 2011 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। 23 अप्रैल, 2012 को जस्टिस रंजन सुप्रीम कोर्ट के जज बने।उन्होंने तीन अक्तूबर 2018 को बतौर मुख्य न्यायाधीश (CJI) पदभार ग्रहण किया था।वह देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश हैं।
सीजेआई गोगोई सुप्रीमकोर्ट के उन 11 जजों में से एक हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक की है।जस्टिस गोगोई 17 नवम्बर को सीजेआई पद से रिटायर हो रहे हैं।वर्षों से लंबित आयोध्या की विवादित जमीन के मामले की लगातार 40 दिनों तक फास्ट ट्रैक सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुनाया।जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन जजों में से एक हैं, जिन्होंने पिछले वर्ष तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेसकॉन्फ्रेंस कर न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर खतरा जताया था। 491 साल पुराने विवाद अयोध्या मामले पर फैसला सुना चुके मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कोर्ट ऑफ इंडिया, पास्ट एंड प्रजेंट पुस्तक के असमी अनुवाद का विमोचन किया। एक दिन पहले ही इतना महत्वपूर्ण फैसला देने के बावजूद उन्होंने इस मु्द्दे पर एक शब्द भी नहीं बोला।जिसके चलते उनकी काफी तारीफ हुई।गोगोई के सहयोगियों ने कहा कि असम ने एक बेहतरीन मुख्य न्यायाधीश दिया है।लेकिन मेरा मानना है कि असम ही नहीं पूरे देश को ही एक बेहतरीन मुख्य न्यायाधीश के रूप में रंजन गोगोई वर्षों बरस तक याद किये जाते रहेंगे।जस्टिस गोगोई ने इस महत्वपूर्ण निर्णय लेने के बाद कहा, ‘मैं किसी भी विवादास्पद मुद्दे पर बात नहीं करना चाहता।समारोह में मौजूद उनके कुछ सहयोगियों ने उनकी और सुप्रीम कोर्ट की सराहना की।

वृद्धा से क्रूरता प्रदेश पर कलंक

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