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आदर्श कृषक है सरदार महेंद्र सिंह

 

छायाचित्र में प्रसन्न मुद्रा में अपनी फसल के साथ कृषक

पांवटा(हिका):-  जितना महत्व सीमा पर एक सैनिक का होता है, उतना ही महत्व खेत में किसान का होता है। इसलिए शायद पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने यह नारा दिया था ‘जय जवान जय किसान’। सीमा पर हमारी सुरक्षा सैनिक अपनी जान हथेली पर रखकर करता है, वही किसान का योगदान भी किसी तरह से कम नहीं है। 

किसान दिन-रात, धूप-छांव, गर्मी-सर्दी की परवाह किए बगैर पूरे परिवार के साथ खेतों में काम करता है और समस्त लोगों के लिए अन्न उत्पादित करता है। किसान की मेहनत जब फसल के रूप में आती है, तो वह हर्षित भी खूब होता है। अनेकों किसानों ने खेती में नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।  यह किसी से छुपा नहीं है।

पांवटा में भी अनेकों ऐसे किसान है जो खेती में नित नए-नए कीर्तिमान स्थापित करते रहते हैं। ऐसे ही 70 वर्षीय कृषक महेंद्र सिंह फूले नहीं समाए जब मक्की के एक टांडे में ही चार मक्कियां एक साथ लगी,और हिमवंती कार्यालय में चार मक्की वाले टांडे को लेकर पहुंच गए। हमने भी किसानों का उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य से इस उत्पाद को छापने की थानी इसे आम किसान में और समर्पित भाव से काम करने की इच्छा जागृत हो।

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