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कहीं भाजपा के लिए मुसीबत ना बन जाए राणा का डोर टू डोर प्रचार करना।

हिमवंती मीडिया/ शिलाई

भाजपा में गुटबाजी चरम सीमा पर पहुंच गई है। यहां से बलदेव तोमर को अपने ही लोगों से चुनौती मिलती दिख रही है। जल शक्ति विभाग से रिटायरमेंट लेने के बाद भाजपा के नेता वीर सिंह राणा उनके लिए मुसीबत बने हुए हैं। राणा शिलाई की हर पंचायत में बूथ लेवल पर नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं ,और अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं। राणा का यह डोर टू डोर प्रचार भाजपा के माथे की शिकन बन रहा है। 2017 का चुनाव बलदेव तोमर और हर्ष बदन के बीच हुआ था, उस समय हर्षवर्धन करीब साढे 4000 मतों से चुनाव जीत गए थे। और तोमर को खाद्य एवं उपायुक्त विभाग के चेयरमैन बना दिया गया।

तोमर को मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है उसका कारण यह रहा कि डॉ राजीव बिंदल को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के कारण अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था । इसीलिए बलदेव तोमर सिरमौर के सीएम बने रहे उनको काम करने का मौका मिला था, लेकिन शुरू के साढ़े तीन साल वह पावंटा स्थित अपने आवास पर बैठे रहे, जिसके चलते शिलाई के लोगों ने उनसे एक तरह से दूरी बना ली इस बीच वीर सिंह राणा जनता के संपर्क में ही बने रहे कोरोना काल में राणा जनता की सेवा में लगे रहे इतना ही नहीं जनता की सेवा करते करते वह खुद कोरोना संक्रमित हो गए थे । बलदेव तोमर को लगा की जनता उनसे छिटक कर राणा के करीब जा रही है।

इसी बीच बलदेव ने हाटी का मुद्दा उछाल कर अपने पक्ष में हवा बनाने में लगे हैं उन पर कटाक्ष करते हुए राणा ने कहा कि अगर 5 साल बाद भी शिलाई में दशकों पुरानी हाटी मुद्दे पर वोट मांगने पढ़ रहे हैं तो 5 साल का विकास कहां है।

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