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जिला सिरमौर को राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 12 जिलों में शामिल किया गया

नाहन(लो.स.वि.) – जिला सिरमौर को प्रधानमंत्री लोक सेवा उत्कृष्टता पुरस्कार, 2020 नवाचार श्रेणी के लिए देश भर में शीर्ष 12 जिलों की सूची में शामिल किया गया है। उपायुक्त सिरमौर डॉ0आर0के0परूथी द्वारा जिला सिरमौर को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए पॉलीब्रिक्स विधि द्वारा पर्यावरण संरक्षण में उनके प्रयासों को भारत सरकार की स्क्रीनिंग समिति द्वारा प्रथम चरण में देश भर से भेजे गए 958 आवेदनों में जिला सिरमौर को राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 12 जिलों में शामिल किया गया है।

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों से प्रधान मंत्री लोक सेवा उत्ष्टता पुरस्कार, 2020 के लिए आवेदन भेजे गए थे जिसमें से एकमात्र सिरमौर जिले को पर्यावरण संरक्षण नवाचार के क्षेत्र में चयनित किया गया है।

इस अवसर पर उपायुक्त सिरमौर डॉ0आर0के0परूथी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिला सिरमौर के लिए यह गौरव का विषय है। सिरमौर को पालीब्रिक्स विधि द्वारा पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए प्रशासन द्वारा चलाए गए पॉलीथीन मुक्त सिरमौर अभियान के तहत एक दिन स्कूल के नाम, एक दिन पंचायत व मारकण्डा सफाई अभियान कार्यक्रम चलाकर अब तक  लगभग 9 टन प्लास्टिक कचरा इकट्ठा किया गया है। उन्होंने बताया कि एक दिन स्कूल के नाम, एक दिन पंचायत व मारकण्डा सफाई अभियान जैसे कार्यक्रमों को सफल बनाने में सभी जिलावासियों ने अपना विशेष योगदान दिया है, जिसके कारण  हमें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्राप्त हुई है।

उन्होंने बताया कि आगामी 9 सितम्बर, 2020 को जिला प्रशासन स्क्रीनिंग समिति के सामने जिला में पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए गए पॉलीथीन कचरे के निष्पादन पर  पॉवर प्वाइट प्रस्तुती पेश करेगा। उन्होंने कहा कि यदि हमारा प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष तीन जिलों में चयनित होता है तो यह जिला सिरमौर और हिमाचल के लिए गर्व का विषय होगा। उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर के अतिरिक्त देश के 11 अन्य जिलों में आध्रप्रदेश का कर्नूल जिला, अरूणाचल प्रदेश का छागलाग, छतीसगढ़ का सुरजपूर, गुजरात का अहमदाबाद, मध्यप्रदेश का अणूपूर, महराष्ट्र का शोलापूर, मणिपुर का पूर्व इम्फाल, तमीलनाडू का शिवागंगा, तेलगाना का नरायाण पीट, उत्तर प्रदेश का बान्डा व चन्दौली के उपायुक्त नवाचार श्रेणी के  अलग-अलग क्षेत्रों में पॉवर प्वाइट प्रस्तुती स्क्रीनिंग समिति के समक्ष पेश करेंगे।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने केंद्र और राज्य सरकारों के जिलों व संगठनों द्वारा किए गए असाधारण और अभिनव कार्यों को सम्मान देने और उन्हें पुरस्कृत करने के लिए वर्ष 2006 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधान मंत्री पुरस्कार की स्थापना की तथा वर्ष 2014 में प्राथमिकता कार्यक्रमों, नवाचारों और आकांक्षात्मक जिलों में जिला कलेक्टरों के प्रदर्शन को पहचानने के लिए योजना का पुनर्गठन किया गया था जिसके तहत वर्ष-2020 में अनेक क्षेत्रों मे उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कारों का दायरा बढ़ाया गया है।

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