शिमला(प्रे.वि.) जनमंच में एक हफ्ता का वादा करने के बावजूद खिल की सेर की हरिजन बस्ती में विभाग डेढ वर्ष तक पानी उपलब्ध नहीं करवा सका । जिससे सरकार के फलेगशिप जनमंच कार्यक्रम की पोल खोल कर रख दी है । गौर रहे कि 11 अगस्त 2019 को जुन्गा उप-तहसील के कोटी में जनमंच कार्यक्रम रखा गया था जिसमें खिल की सेर की हरिजन बस्ती के लोगों ने पानी समस्या हल करने बारे गुहार लगाई थी ।
जनमंच की अध्यक्षता विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज कर रहे थे जिसमें अधीशासी अभियंता जल विभाग शिमला द्वारा एक सप्ताह के भीतर पानी उपलब्ध करवाने का जनमंच में वायदा किया था । डेढ वर्ष बीत जाने के बाद भी इस हरिजन बस्ती में पेयजल की समस्या जस की तस बनी हुई है और लोगो को पानी बूंद बूंद के लिए अन्य प्राकृतिक स्त्रोत पर निर्भर रहना पड़ रहा है ।
जिला भाजपा सदस्य प्रीतम ठाकंुर ने बताया कि उनके द्वारा जनमंच में यह मुददा उठाया गया था । कहा कि खेद का विषय है कि अधिकारी जनमंच में झूठे वायदे करके सरकार को गुमराह कर रहे हैं । इनका कहना है कि करीब 15 वर्ष पहले मंगलेड खडड से पजाल, चलोग व कवालिया इत्यादि गांव के लिए पानी लिफ्ट किया गया था । इस योजना में खिल का सेर की हरिजन बस्ती भी शामिल थी और विभाग द्वारा पाईप भी बिछा दिए गए थे । परंतु आज तक इस हरिजन बस्ती के दस परिवारों को पानी नहीं मिल पाया । उन्होने बताया है कि जनमंच में अधिकारियों को ऐसे वायदे नहीं करने चाहिए जो पूरे न हो सके जिसका सीधा असर सरकार की कार्यशैली पर पड़ता है । विभाग ने ऐसा करके गरीब हरिजन लोगों के साथ भददा मजाक किया है ।
अधीशासी अभियंता आईपीएच शिमला मंडल, राकेश वैद्या ने इस बारे असमंजस प्रकट करते हुए बताया है कि उन्हें इस बारे मालूम नहीं है । फील्ड स्टाफ को भेजकर इसकी रिर्पोट मांगी जाएगी तभी आगामी कार्यवाही की जाएगी ।