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बिना स्लाट बुकिंग के वैक्सीन लगवाना सीएम का सराहनीय कदम : विशाल नैहरिया

हिमवंती मीडिया/धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में नए आयाम स्थापित कर रही है। इसी कड़ी में 18 से 44 आयु वर्ग के युवाओं को वैक्सीन लगाने के लिए स्लाट बुक करवाने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस प्रक्रिया को बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के इस फैसले से प्रदेश के लाखों युवाओं को काफी राहत मिलेगी। यह बात धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के विधायक विशाल नैहरिया ने कही। उन्होंने कहा कि जिस कोविड-19 वैक्सीन की कांग्रेसी नेता व दूसरे दल आलोचना कर रहे थे और कई प्रकार की भ्रातियाँ फैला रहे थे लेकिन जैसे ही 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों की वैक्सीन लगाने की घोषणा हुई वैसे ही सभी दल एक दम वैक्सीन लगवाने के लिए हाय तौबा करने लगे। लेकिन अब वैक्सीन की पर्याप्त उपलबदता हो जाने पर अब उन सभी दलों को करारा जवाब मिला है। विशाल नैहरिया ने कहा कि यह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ही दूरगामी सोच का नतीजा है कि आज प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है। साथ ही प्रदेश में डैथ रेट भी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की नीतियों के कारण ही आज कई जिले कोरोना मुक्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं, क्योंकि उन जिलों में अब नाममात्र के ही कोरोना संक्रमण के मामले बचे हैं। नैहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के दुकानदारों, व्यवसायियों और बस आपरेटरों को ध्यान में रखते हुए बंदिशों में छूट दी है।
धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया ने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर ने देवभूमि में कोरोना से बिगड़ चुके हालातों से उभारने के साथ-साथ स्वास्थय संग आर्थिकी मजबूती पर विशेष योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया। उन्होंने गरीब वर्ग के लिए हेल्थ केयर योजना से भी प्रदेश के 1 लाख तीस हज़ार परिवारों ने स्वास्थ्य लाभ लिया है। इस योजना के तहत गरीब परिवार जो गम्भीर बीमारियों के तहत या तो ईलाज नहीं करवा पाते थे या तो क़र्ज़ के बोझ तले दब जाते थे अब ऐसे जरूरतमंद परिवार अपना ईलाज करवा रहे हैं और सारा का सारा खर्च सरकार उठा रही है। इतना ही नहीं अन्य सभी वर्गों के साथ जिसमें पर्यटन कारोबारी, व्यापारी वर्ग, फार्मास्टूकिल, इंडस्ट्री सहित सभी आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने वाले लोगों से वर्चुअल व मिलकर भी संपर्क साधा। सभी वर्गों को साथ लेकर कोरोना की स्थिति पर काबू पाने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों का भी सामंजस्य के साथ संचालन करवाने में कामयाब रहे। इसका नतीजा 15 दिनों में ही देखने को मिला, कि कोविड केसों में भी निरंतर कमी आ रही है, साथ ही पहाड़ी राज्य हिमाचल की आर्थिक गतिविधियां भी सूचारू रूप से पटरी पर लौटना शुरू हो गई हैं।

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