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बिहार में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने की चुनौती होगी सौम्या सांबशिवन के हाथों

 

मंडी (ब्यूरो):- आइपीएस अधिकारी सौम्या सांबशिवन के हाथ बिहार में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने की कमान होगी। सौम्या तृतीय भारतीय आरक्षित वाहिनी पंडोह की कमांडेंट हैं। उन्हें राज्य कमांडर का दर्जा दिया गया है।

सौम्या सांबशिवन नाहन में एस.पी. रह चुकी है तथा यहां इन्होंने बहुत अच्छे काम किए हैं। सौम्या सांबशिवन किसी के भी दबाव में कार्य नहीं करती है। बिना दबाव के काम करना उनके स्वभाव में है। इनकी छवि बहुत साफ-सुथरी है तथा यह गरीबों की सच्ची हमदर्द है। हर जरूरतमंद की सेवा करना यह अपना धर्म समझती हैं। इनके पिता एक सैन्य अधिकारी रहे हैं। उनसे इन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ने की शिक्षा प्राप्त की है। इनको जो भी काम सौंपा जाता है। यह उसको पूरी कर्तव्य निष्ठा और पूरी ईमानदारी के साथ बहुत ही अच्छे तरीके से करती हैं। शिमला के गुड़िया मर्डर कांड में इन्होंने पुलिस विभाग की तरफ से बहुत अच्छी भूमिका निभाई थी।

उनके नेतृत्व में पंडोह, बनगढ़ (ऊना) व कोलर (सिरमौर) वाहिनी की छह कंपनियां यानी 600 जवान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बिहार के लिए ट्रेन से रवाना होंगे। 600 जवानों का नेतृत्व करने वाली वह अकेली महिला अधिकारी होंगी। तीनों वाहिनी से बिहार चुनाव के लिए दो-दो कंपनियां जा रही हैं।

हर कंपनी से एक-एक डीएसपी रैंक का अधिकारी भी साथ रहेगा। बिहार में तीन चरणों में विधानसभा के चुनाव होंगे। पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर को मतदान होगा। चुनाव ड्यूटी पर जाने वाले सभी जवानों व अधिकारियों की कोरोना जांच करवाई गई है। कोरोना काल में चुनावी ड्यूटी पर जा रहे अधिकारियों व जवानों को दोहरी चुनौती का सामना करना होगा। एक तरफ उन्हें खुद को कोरोना वायरस से सुरक्षित बचाकर रखना होगा, दूसरी ओर बिहार जैसे राज्य में चुनावी ड्यूटी पहाड़ जैसी चुनौती से कम नहीं है। तीनों वाहिनी के चुनाव इससे पहले भी विधानसभा व लोकसभा चुनाव के दौरान ड्यूटी दे चुके हैं।

कमांडेंट तृतीय भारतीय आरक्षित वाहिनी पंडोह सौम्या सांबशिवन का कहना है बिहार में चुनाव ड्यूटी के लिए जा रहे सभी जवानों का मनोबल ऊंचा है। जवानों को इस बार एक नहीं बल्कि दो मोर्चों पर जूझना होगा। जवान इसके लिए पूरी तरह सक्षम है।

 

 

 

 

 

 

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