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भेड़पालकों व पशु पालकों के विकास के लिये किये जायेंगे नवीन प्रयास: वन मंत्री

 

धर्मशाला(लो.स.वि.):- धर्मशाला मे वन, युवा तथा खेल मंत्री राकेश पठानिया ने हिमाचल प्रदेश एकीकृत विकास परियोजना की बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा कि भेड़-बकरी पालकों तथा पशु-पालकों का समुचित विकास होना
चाहिए इस हेतू नवीन प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने एकीकृत परियोजना को पशु-पालन तथा वूल फेडरेशन के साथ मिलकर सभी गतिविधियों को सुनियोजित तरीके से अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि घुमन्तु भेड़-पालकों के आवागमन के रास्तों की मैपिंग करने की आवश्यकता है तथा उन्हें कहां बेहतर सुविधा प्रदान हो सकती हैं यह स्थान चिन्हित करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि घुमन्तु भेड़-पालकों को संकट की घड़ी मे उचित तकनीक वाले उपकरण दिये जाने चाहियें ताकि उनकी समय रहते मदद हो सके व उनकी लोकेशन सम्बन्धित जानकारी विभाग को मिल सके। उन्होने कहा कि गद्दी नस्ल के उन्नत किस्म के कुत्ते भी भेड़-पालकों को उपलब्ध हों इस बारे मे पालमपुर विश्वविद्यालय से मिलकर कार्य किया जाये। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मे उत्पादित भेड़-बकरी का माँस जैविक व उन्नत किस्म का है उसे ऊंचेे पायदान पर
पहुंचाने हेतू पग उठाये जाने आवश्यक हैं।

इस अवसर पर वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा कि पशु-पालन तथा वूल फेडरेशन ग्रामीण विकास
खासकर भेड़-बकरी पालकों की आय मे वृद्वि करने मे एकीकृत विकास परियोजना के उदेश्यों को आपसी सहयोग के साथ विकास कर सकता है क्योंकि पशु-पालन विभाग तथा वूल फेडरेशन पशु पालकों के साथ सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं चाहे वो ऊन खरीद हो, चाहे भेड़ों की ऊन कलप्न का विषय हो, चाहे प्रशिक्षण का हो या उनको स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करना
हो।

इस अवसर पर एकीकृत विकास परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक डॉ0 पवनेश शर्मा ने मुख्यातिथि को एकीकृत विकास परियोजना के उदेश्यों तथा गतिविधियों के बारे मे अवगत करवाते हुये बताया कि परियोजना का सीधा
प्रभाव ग्रामीण विकास व उनकी आय बढ़ाने मे अहम भूमिका निभा सकता है। बैठक मे प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन शिमला विजय ठाकुर तथा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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