तेलका(चंबा)( धर्मेन्द्र सूर्या):-कोरोना महामारी के चलते सरकार व विभाग ने ऑनलाइन पढाई का अभियान चलाया है जोकि पहाड़ी क्षेत्रों में 50% से भी कम सफल है। पहाड़ी क्षेत्रों में बच्चों की पढाई पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है।
तेलका क्षेत्र के भजोत्रा व नड्डल पंचायत के कई गांवों में किसी भी कम्पनी का मोबाईल नेटवर्क नहीं है जिस कारण यहां 4G तो दूर 2G भी नहीं चलता।
क्षेत्र के कई गरीब व कम पढे लिखे लोगों के पास स्मार्ट फोन भी नहीं है ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई होना बहुत मुश्किल है। वहीं कुछ दिहाड़ीदार लोग जो दिनभर काम के लिए निकल जाते हैं और उनके फोन पर यदि काम आ भी जाता है तो वो देर शाम को घर पहुंचते हैं ऐसे में उनके पास बच्चों को पढ़ाने हेतु समय नहीं मिल पाता है।
तेलका के युवा धर्मेन्द्र सूर्या का कहना है कि कोरोना काल के दौरान चल रही इस विकट परिस्थिति में सरकार ने बच्चों की पढाई को जारी रखने हेतु ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की हैं। परंतु लगभग सभी बच्चों के अविभावक व्हाटस एप्प के जरिये ग्रुप से नहीँ जुड़ पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण कुछ अभिभावकों का कम शिक्षित होना तथा कई अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन न होना मुख्य कारण है ।धर्मेन्द्र के अनुसार तेलका क्षेत्र की भजोत्रा, बाड़का व करवाल आदि पंचायतों में नेटवर्क स्लो रहता है इससे भी बच्चे पूरी तरह से व्हाटस एप्प ग्रुप के साथ नहीं जुड़ पा रहे हैं ।
भजोत्रा निवासी पवन कुमार का कहना है कि उनके गांव व इसके आसपास BSNL या AIRTEL जैसी प्रमुख कम्पनियों का सिग्नल पूरी तरह नहीं आता। इससे उनकी पढाई पूर्ण रूप से नहीँ हो पा रही है ।
मोण निवासी राकेश कुमार का कहना है कि उनके गांवों किसी भी कम्पनी का मोबाईल नेटवर्क नहीं आता है जिससे इंटरनेट चलाना तो दूर बात भी नहीं कर पाते। उन्हे मोबाइल से बात करने हेतु 2G सिग्नल पकड़वाने हेतु पहाड़ी पर चढना पड़ता है। ऐसे में यहां से कालेज व स्कूल में पढने वाले छात्रों को दिए जाने वाले गृहकार्य का बिलकुल पता नहीं होता तो वो रिस्पांस क्या देंगे ? ऐसे में उनके गांवों के बच्चों के लिए ऑनलाइन पढाई का कोई महत्व नहीं है ।
नगवाड़ी निवासी बिरजू राम का कहना है कि उनके गांवों के कई लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं है इससे उनके बच्चे ऑनलाइन कक्षाएं कैसे ज्वाईन कर सकते हैं। वहीं उनके गांवों में मोबाइल सिग्नल भी नहीं आता तो जिन लोगों ने मोबाईल खरीदे हैं वो उनका प्रयोग गाने सुनने तथा समय देखने तक ही कर पाते हैं। ऐसे में उनके क्षेत्र के छात्र ऑनलाइन पढाई में निरंतर पिछड़ रहे हैं ।
ऐसे में सरकार व विभाग द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन कक्षाएं पूरी तरह से कामयाब नहीं हो रही हैं ।