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सिरमौर में राष्ट्रीय गोकुल मिशन व राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर सेमिनार आयोजित

हिमवंती मीडिया/नाहन

जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन में आज पशुपालन विभाग की ओर से राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम व खुरपका-मुंहपका रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। आयोजित सेमिनार में उपायुक्त सिरमौर रामकुमार गौतम ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।

इस अवसर पर उपायुक्त ने बताया कि राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के द्वितीय चरण में पशुपालन विभाग सिरमौर ने हिमाचल में प्रथम स्थान प्राप्त किया है इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के प्रथम चरण में भी जिला सिरमौर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जोकि सिरमौर के लिए गर्व का विषय है।

उपायुक्त ने बताया कि जिला सिरमौर में निशुल्क कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत गांव में प्रजनन योग्य गाय व भैंस की उत्तम नस्ल के वीर्य तीर्ण से पशुपालक के घर द्वार पर निशुल्क गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अतिरिक्त कृत्रिम गर्भाधान से पूर्व सभी गाय और भैंसों का 12 अंकों के आधार नंबर वाले यूआईडी टैग से चिन्हीकरण कर उनका पंजीकरण भी किया जा रहा ह।ै उन्होंने बताया कि सभी पशु मालिकों को स्थानीय पशु चिकित्सा संस्थान द्वारा स्वास्थ्य जांच के उपरांत नकुल स्वास्थ्य कार्ड भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उपायुक्त ने सभी पशुपालकों से अनुरोध करते हुए कहा है कि वह अपने पशुओं की टैगिंग व पंजीकरण करने के लिए विभाग का सहयोग करें और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों से वीर्य तीर्ण नस्ल की जानकारी अवश्य प्राप्त करें। इस अवसर पर उपायुक्त सिरमौर ने विभाग की ओर से प्रचार सामग्री का विमोचन कर वेटरनरी टीकाकरण वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

उपायुक्त ने बताया कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत खुरपका मुंहपका दो खुुर वाले पशुओं में होने वाला उच्च संक्रामक व घातक विषाणु जनित रोग है यह रोग किसी भी मौसम में सभी आयु के पशुओं में होता है। आर्थिक व्यवहार के संदर्भ में यह विश्व में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पशु रोग हैं जिस कारण दूध उत्पादन में भारी गिरावट आती है।
उपायुक्त ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जिला सिरमौर के सभी किसानों को मुंहपका रब का खुरपका रोग के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए।

पशु पालन विभाग के उपनिदेशक नीरू शबनम ने बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत गाय भैस आबादी के दूध उत्पादन तथा उत्पादकता को बढ़ाने के साथ-साथ देसी नस्लों के संरक्षण और विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में 50 प्रतिशत से कम गर्भधारण कवरेज वाले जिलों में कृत्रिम गर्भधारण के माध्यम से अनुवांशिक कार्यक्रम को अभियान मोड़ पर चलाया जा रहा है जिससे की दुधारू पशुओं में लगभग तीन लाख उच्च उत्पादकता वाली गायों तथा भैंसों के शामिल होने की संभावना के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि भी करना लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि जिला के 500 चयनित गांव में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कारण चलाया जा रहा है ।

उपायुक्त ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को उनके उत्कृष्ट कार्याे के लिए सराहां, जिसके पश्चात उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर में आवारा पशु अभी भी एक समस्या है जिस को कम करने और जिला को आवारा पशु मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन व विभाग को मिलकर कार्य करना होगा।

इस अवसर पर जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा, सह निदेशक पशुपालन विभाग राजीव खुराना, सह निदेशक डॉ नवीन कुमार सहित विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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