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इन्वेस्टर मीट धारा-118 सबसे अधिक बाधक

जयराम सरकार के सत्तासीन होते ही हिमाचल में नये उद्योग लगाने की कवायद में जुट गई है और इसके लिए जयराम ठाकुर ने विदेश में भी जाकर उद्योगपतियों को रिझाने का काम किया है और वह हिमाचल में राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के उद्योगपतियों को हिमाचल में उद्योग लगाने के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करने की बात कह कर रिझाने में जुटे हुए हैं। धर्मशाला में 7 व 8 नवम्बर को ग्लोबल इस्वेस्टर मीट की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री व उनकी सरकार पूरी तरह समर्पण भाव से कार्य कर रही है और खुद मुख्यमंत्री व उनकी पूरी सरकार ने तैयारियों का जायजा लेने के लिए धर्मशाला में ही डेरा डाल दिया है।
नरेन्द्र मोदी और अमित शाह समेत 165 मेहमानों की सूची फाईनल हुई है। अन्य केन्द्रीय मंत्रियों में नितिन गडकरी, पियूष गोयल, प्रहलाद सिंह पटेल, अनुराग ठाकुर शामिल हैं। इस इन्वेस्टर मीट में निश्चित तौर पर निवेश तो आयेगा ही लेकिन वह कितना आएगा यह आने वाला समय ही बताएगा। पर्याप्त निवेश आने से प्रदेश को कर्ज़ नहीं लेना पड़ेगा। जहॉं भाजपाकी सरकार व उसके नेता इन्वेस्टरमीट को लेकर काफी उत्साहित व गंभीर हैं वहीं कांग्रेस इसका विरोध करने में लगी है तथा केन्द्र से औद्योगिक पैकेज मांगने की मांग कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेसी यह भूल गये हैं कि अटल बिहारी की सरकार ने हिमाचल को औद्योगिक पैकेज दिया था जिसे समय से पहले ही कांग्रेस ने खत्म कर दिया था और केन्द्र की कांग्रेसी सरकार ने हिमाचल के औद्योगिक पैकेज को छीन लिया था।
ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में निवेश से 209 प्रतिनिधियसों ने आने की हामी भरी है जो अपने खर्चे पर ही इस मीट में शामिल होने के लिए आ रहे हैं।इससे इस बात की प्रबल संभावना नजर आती है कि विदेशों में जाकर जयराम ने जो विदेशी निवेशकों को रिझाने की कोशिश की थी उसमें वह काफी हद तक सफल हो पाए हैं।चाहे सरकार कितनी ही कोशिश कर ले लेकिन भू-सुधार अधिनियम की धारा-118 एक ऐसी धारा है जो हर कदम पर निवेशकों को हतोत्साहित करेगी जहॉं उद्योगपतियों के लिए यह गले की हड्डी है वहीं इस अधिनियम से हिमाचल के लोगों को सबसे अधिक आर्थिक नुकसान वहन करना पड़ रहा है जो न तो उद्योगों के हित में है और न ही हिमाचल की जनता के।जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म को सकत रहै तो हिमाचल में भू-सुधार की धारा 118 का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता।इस अधिनियम की आड़ में भ्रष्टाचार भी खूब पनपा है और पूर्व कांग्रेसी सरकार के कार्यकाल में इस धारा का दुरूपयोग होने पर शीर्ष नौकरशाह भी लपेटे में आए हैं।जब तक धारा-118 खत्म नहीं होती तब तक उद्योगों का विकास संभव नहीं।आज भी मजबूर होकर उद्योगपतियों को दूसरे राज्यों में पलायन को मजबूर होना पड़ रहा है।इन्वेस्टर मीट तभी कामयाब होगी जब औद्योगिक वातावरण बनाया जाय और इसके लिए सबसे पहले उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि क्रय के लिए जो धारा 118 से उद्योगपति उत्पीड़ित होता है उससे निजात दिलाना सबसे आवश्यक है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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