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न्यू सिलेक्शन मेथड के फैसले पर रोक लगाने से सरकार की नीयत का खोट आया सामने : अभिषेक

हमीरपुर(प्रे.वि.):- प्रदेश में क्लास वन और टू की भर्ती प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए बनाए गए न्यू सिलेक्शन मेथड पर रोक लगाकर प्रदेश सरकार ने अपने फैसले पर फिर यू टर्न लिया है। यह बात प्रदेश सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने कही है। अभिषेक ने कहा कि युवाओं से लगातार कुठाराघात करती आ रही सरकार अब सत्ता के दम पर युवाओं की योग्यताओं व प्रतिभाओं को भी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर कुंठित व प्रताडि़त करने लगी है।
अभिषेक ने तंज कसते हुए कहा कि दरअसल में सरकार चाहती ही नहीं है कि भर्तियों में कोई पारदर्शिता रहे। इसी कारण से प्रदेश में क्लास वन और क्लास टू की भर्तियों की चयन प्रक्रिया पर रोक लगाई गई है। अभिषेक ने कहा कि ऐसा करके सरकार ने जहां एक ओर प्रदेश की प्रतिभाओं को आहत व प्रताडि़त करने का प्रयास किया है, वहीं दूसरी ओर न्यू सिलेक्शन मेथड पर रोक लगाकर भ्रष्टाचार को भी हवा दी है।
उन्होंने कहा कि लिखित परीक्षा में अंकों का महत्व कम होने और इंटरव्यू के माध्यम से नौकरियों देने का फैसला सीधे तौर पर भ्रष्टाचार से जुड़ रहा है, जिसका शिकार प्रदेश के युवा बीजेपी के इस राज में लगातार होते आए हैं। अभिषेक ने कहा कि सरकार के इस रवैये को लेकर सोशल मीडिया पर युवाओं के आक्रोश का प्रचंड रूप देखा जा सकता है। जिसमें युवा वर्ग सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े कर रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मुख्य सचिव व आयोग के अध्यक्ष से इस रोक को हटाने की मांग लगातार प्रचंड होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि अनेक युवाओं ने उनसे संपर्क करते हुए उन्हें बताया है कि बहुमत का लगातार दुरुपयोग कर रही सरकार सत्ता के घमंड में अंधी व बहरी हो चुकी है। इसलिए विपक्ष का फर्ज निभाते हुए युवाओं की आवाज को उठाएं। युवाओं ने कहा कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने एक ईमानदार पहल करते हुए 1971 में बनी चयन प्रक्रिया को बदलकर इस दिशा में  क्रांतिकारी परिवर्तन किया था। जिसको लेकर प्रदेश की प्रतिभावान व योग्यतावान युवाओं में भारी उत्साह उमड़ा था क्योंकि भ्रष्टाचार व नेपोटिज्म की रीत व रिवायत को खत्म करने के लिए यह फैसला काफी कारगर साबित होना था। लेकिन अब इस फैसले पर रोक लगने से स्पष्ट है कि सरकार ने अपने चेहतों को नौकरियां देने में आ रही मुश्किलों के कारण यह कदम उठाया है।
अभिषेक ने बताया कि इस मामले को वह पीएमओ को भी सोशल मीडिया पर टैग कर रहे हैं, ताकि पीएमओ अपनी सरकार की कारगुजारी व मनमानी का नमूना देख कर इस मामले में दखल दें। अभिषेक ने कहा कि सोशल मीडिया पर इसको लेकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के युवाओं ने एक अलग पेज बनाकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। लेकिन लोक सेवा आयोग ने अपने पुराने फैसले पर रोक लगाते हुए भविष्य में होने वाली भर्तियों में इंटरव्यू में अंकों के आधार पर सिलेक्शन करने का फैसला लेकर अपनी मनमानी की एक नई अति की है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना होगा कि सरकार के इस फैसले के पीछे सरकार की असली मंशा क्या है?

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