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मुख्यमंत्री ने जिला कांगड़ा में कोविड.19 स्थिति की समीक्षा की

धर्मशाला(लो.स.वि):- मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कांगड़ा जिले के धर्मशाला में कोविड.19 स्थिति की समीक्षा करते हुए जिले में कोविड से होने वाली मृत्यु की संख्या में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि होम आइसोलेशन के गंभीर मरीजों को घर से तुरंत स्वास्थ्य संस्थानों में स्थानांतरित किया जाए ताकि उन्हें उचित उपचार उपलब्ध करवाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कोविड मरीजों के लिए बिस्तरों की वर्तमान क्षमता को 1500 से बढ़ाकर लगभग 5000 कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने भी ऑक्सीजन का कोटा 15 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 30 मीट्रिक टन कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भारत सरकार से राज्य के लिए ऑक्सीजन कोटा 10 मीट्रिक टन और बढ़ाने का भी आग्रह किया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर राज्य सरकार प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में आईसीयू बिस्तरों की संख्या को भी बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि डाण् राजेंद्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालयए टांडा के लिए 20 अतिरिक्त वेंटिलेटर और आईजीएमसीए शिमला को 25 अतिरिक्त वेंटिलेटर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक अस्पताल नूरपुर में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ सुनिश्चित करने के लिए आउटसोर्स आधार पर लगभग 3000 कर्मचारियों की भर्ती की है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में नई नियुक्तियां करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने कोविड मरीजों के शवों के प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि मृतक के परिजन शव को उनके पैतृक स्थान ले जाना चाहते हैंए तो इसके लिए परिजनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि होम आइसोलेशन तंत्र को मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिएए क्योंकि कुल कोविड मरीजों में से लगभग 90 प्रतिशत होम आइसोलेशन में है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि जैसे विधायकए प्रधानए बीडीसी सदस्यए जिला परिषद सदस्य और वार्ड सदस्य कोरोना मरीजों के परिवार के सदस्यों के सम्पर्क में रहकर होम आइसोलेशन तंत्र को मजबूत करने में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आमतौर पर कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन से अस्पतालों में स्थानान्तरित करने में होने वाली देरी के कारण कोरोना मरीजों का स्वास्थ्य बिगड़ता है। उन्होंने कहा कि पैरा मेडिकल स्टाफ को भी होम आइसोलेशन के मरीजों के स्वास्थ्य मानकों की नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए।
 

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