in

मंत्री पद के लिए पांवटावासी भी हैं हकदार

हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार पांवटा साहिब का हिमाचल प्रदेश में एक विशिष्ट स्थान है। यहॉं गुरू गोविन्द सिंह महाराज 42 माह तक रहे और उन्होंने अनेक काव्यों की रचना के साथ-साथ भंगाणी साहिब का युद्ध जैसे युद्ध भी लड़े। पांवटा साहिब की एक धार्मिक महत्ता तो है ही अपितु पिछले कुछ वर्षों में यहॉं भारी औद्योगिकीकरण हुआ है तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। यहॉं के लोगों की प्रति व्यक्ति आय भी प्रदेश के दूसरे स्थानों की अपेक्षा अधिक है। लेकिन इसके बावजूद आज भी पांवटा साहिब राजनीतिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ है। कहने को तो पांवटा में विधायक जो बने हैं वह सत्ता के काफी करीब रहे हैं लेकिन आजतक मंत्रिमंडल में किसी को भी स्थान नहीं मिल पाया है। पांवटा विधानसभा क्षेत्र से दो बार हिमाचल निर्माता डॉ. यशवन्त सिंह परमार के सहाबजादे कुश परमार विधान सभा का चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुॅंचने में तो कामयाब रहे लेकिन हिमाचल निर्माता के पुत्र व मुख्यमंत्री व राज्यपाल जैसे पदों पर रहे ठाकुर रामलाल के दामाद होने के बावजूद उन्हें भी मंत्रिमंडल में कभी स्थान नहीं मिला। सरदार रतन सिंह जिनकी छवि एक ईमानदार व जुझारू नेता की रही है तथा जो पवित्र गुरूद्वारा साहिब में मीत प्रधान पद को भी सुशोभित करते रहे हैं, को भी विधायक बनने के बावजूद मंत्री पद नहीं मिला।  आजकल मंत्री मंडल विस्तार का मामला जोरों पर है क्योंकि 6 माह से भी अधिक समय से दो मंत्री पद खाली पड़े हैं लेकिन अभी तक उन पदों पर किसी की तैनाती नहीं हो पाई है। पांवटा साहिब की जनता का मानना है कि इस बार पांवटा साहिब को अवश्य ही मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिलना ही चाहिए। वर्तमान में पांवटा साहिब से जो भाजपा विधायक चुनाव जीते हैं उनके पक्ष में कई बातें हैं। चौधरी सुखराम विधायक तीसरी बार पांवटा विधानसभा क्षेत्र से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल कर विधानसभा में पहुॅंचने में कामयाब हुए हैं। उनकी छवि साफ-सुथरी है तथा यह एक बार मुख्य संसदीय सचिव के पद को भी सुशोभित कर चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं से प्रभावित इस युवा ने पूर्ण निष्ठा से अपने सभी दायित्व निभाए हैं जो भी इनकी पार्टी ने इन्हें समय-समय परदियेहैं।चौधरीसुखराम एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्में हैं तथा जमीनी स्तर के नेता हैं। इनका अपने सभी कार्यकर्ताओं से सीधा जुडाव है और विरोधी भी इनके बारे में सकारात्मक विचार रखते हैं। इसलिए भाजपा के लोगों के साथ-साथ पांवटा विधानसभा क्षेत्र के निवासियों की भी इच्छा है कि चौधरी सुखराम आगामी होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में अवश्य ही स्थान पाने में कामयाब होंगे। इनके पक्ष में एक बात यह भी जाती है कि सभी आला नेताओं के साथ इनके मधुर सम्बन्ध हैं तथा रिकॉर्ड मतों की जीत इस बात का द्योतक है कि आम व्यक्ति भी इनकी कार्यप्रणाली से संतुष्ट है।  आज तक कभी भी हिमाचल विधानसभा में पांवटा साहिब को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है इससे इस इलाके का विकास अभी अधूरा है। इस बार जयराम सरकार पांवटा साहिब को भी अपने मंत्रिमंडल में अवश्य स्थान देगी। जिससे बरसों से उपेक्षित पड़े इस विधानसभा क्षेत्र की स्थिति में भी सुधार हो सकेगा। सुखराम के पक्ष में एक बात यह भी जाती है कि आजतक पार्टी ने उन्हें जो भी दायित्व दिया है उसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया है इससे उनकी दावेदारी और भी प्रबल हो जाती है। यदि सुखराम को मंत्रिमंडल में जगह मिल जाती है तो पांवटा साहिब की जनता को भी पहली बार वह स्थान प्राप्त हो जायेगा जिसकी वह पिछले कई दशक से इन्तजार कर रहे हैं।

राजनीति में विशेष रूचि रखते हैं ओमप्रकाश (अध्यक्ष किसान सभा पांवटा)

नमिश