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रेलवे लाइन से वंचित हैं सिरमौर वासी

पांवटा ( ब्यूरो )-
भारत को आजाद हुए लगभग 72 साल हो चुके हैं लेकिन अब तक सिरमौर की जनता रेल लाइन सुविधाओं से वंचित है। अंग्रेजों के जमाने में कालका से 103 सुरंग बनाकर शिमला तक रेलवे लाइन चलाई गई लेकिन उसके बाद अब तक जिला सिरमौर के लोग रेल लाईन के लिए आवाज उठाते रहे हैं परंतु सिरमौर वासियों की समस्या पर कोई ध्यान ही नहीं देता। रेल लाईन न होने की वजह से यहॉं घरेलू सामान, बिजली और पर्यटन भी काफी पिछड़ा है। लोगों को यहां घूमने आने के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता है जिसका कारण मूलतः रेल लाइन का ना होना है। कई बार देहरादून से पांवटा, चंडीगढ़ और यमुनानगर के लिए सर्वे भी किए गए जो अब तक ठंडे बस्ते में पड़े हैं। सरकार द्वारा किए जा रहे इन्वेस्टर मीट में भी निवेशक इस बात पर काफी ध्यान देते हैं कि वहां आवागमन की सुविधा कैसी है । यही कारण है कि सिरमौर में निवेशक भी आने से कतराते हैं क्योंकि उनको माल लाने और ले जाने में जो सुविधा रेल लाईन से हो सकती है वह किसी और से संभव ही नहीं है। इस कारण सरकार से गुहार है कि वह इस बात पर ध्यान देंऔर जिला सिरमौर में भी रेल लाइन बिछाने का प्रयास करें जिससे यहां की जनता को भी आने जाने की सुविधा होगी तथा व्यापार और पर्यटन में भी बढ़ोतरी होगी जिसका फायदा सरकारको ही होगा। ऑल इंडिया समाज सुधार संस्था ने भी सरकार से गुहार लगाई है कि सिरमौर को रेल लाईन से तुरन्त जोड़ा जाए।

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वर्ष : 23 अंक : 52